Direct selling mei log kyo success nhi ho pate hai

मार्केटिंग के क्षेत्र में नौकरी की ढ़ेरों संभावनाएं हैं, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि स्टूडेंट्स सही दिशा में आगे नहीं बढ़ पाते हैं जिससे उन्हें जॉब मिलने में परेशानी आती है. अगर आप भी मार्केटिंग में करियर बनाना चाह रहे हैं तो जानें इसमें सफल होने के टिप्स...
1. अब्राहम कोशी आईआईएम-अहमदाबाद में वरिष्ठ प्रोफेसर हैं. वे जाने-माने विद्वान फिलिप कोटलर के साथ मिलकर बेस्टसेलर पुस्तक मार्केटिंग मैनेजमेंट-अ साउथ एशियन पर्सपेक्टिव लिख चुके हैं. वे मानते हैं कि एमबीए की मान्यता बढ़ाने से स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल योग्यता के साथ फील्ड वर्क पर भी जोर देना चाहिए. उनसे मार्केटिंग में सफल होने के बारे में बातचीत और उनका टिप्स
मार्केटिंग में करियर के लिए स्टूडेंट को कैसी तैयारी करनी चाहिए?
मार्केटिंग के भीतर अलग-अलग ब्रांच हैं. रिटेल में सेल्स फोर्स और डिस्ट्रीब्यूटरों का प्रबंधन अलग ब्रांच है. इसी तरह ब्रांड को स्थापित करना का भी अलग ब्रांच है, जिसे ब्रांड मैनेजमेंट कहा जाता है. अगर आप सेल्स और डिस्ट्रीब्यूटर मैनेजमेंट को लें तो मैं समझता हूं कि इसके लिए फील्ड का अच्छा अनुभव होना सबसे जरूरी है. अगर आपके पास एमबीए की डिग्री नहीं है तब भी इस क्षेत्र में अच्छा काम कर सकते हैं. उस नजरिए से एमबीए की डिग्री जरूरी योग्यता नहीं रह जाती है. सबसे कारगर लैबोरेटरी फील्ड में जाकर अनुभव और उससे सबक हासिल करना है.
एमबीए की डिग्री से छात्र को क्या फायदा होता है? 
जब आप ब्रांड के क्षेत्र में उतरते हैं तो निश्चित रूप से एमबीए की डिग्री का फायदा होता है. इसी तरह उपभोक्ता की वास्तविक जरूरत समझने में भी इस योग्यता का लाभ मिलता है. वहां आपकी डिग्री कई तरह से मददगार होती है, खासकर मुद्दों को गहराई से समझनेमें क्योंकि आपको एक फ्रेमवर्क की जरूरत होती है. एक अवधारणा या समझ होने के बाद आपको फैसला करने में मदद मिलती है. आपको उपभोक्ता की परेशानी को स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने की योग्यता रखने की जरूरत होती है और इस बात का अध्ययन करने की जरूरत होती है कि कैसे मौके मौजूद हैं. ब्रांड मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन मैनेजमेंट और उपभोक्ता जरूरत
समझने जैसे क्षेत्रों में एमबीए की योग्यता बहुत उपयोगी है.
मार्केटिंग में करियर के लिए स्टूडेंट को कैसी तैयारी करनी चाहिए?
मार्केटिंग के भीतर अलग-अलग ब्रांच हैं. रिटेल में सेल्स फोर्स और डिस्ट्रीब्यूटरों का प्रबंधन अलग ब्रांच है. इसी तरह ब्रांड को स्थापित करना का भी अलग ब्रांच है, जिसे ब्रांड मैनेजमेंट कहा जाता है. अगर आप सेल्स और डिस्ट्रीब्यूटर मैनेजमेंट को लें तो मैं समझता हूं कि इसके लिए फील्ड का अच्छा अनुभव होना सबसे जरूरी है. अगर आपके पास एमबीए की डिग्री नहीं है तब भी इस क्षेत्र में अच्छा काम कर सकते हैं. उस नजरिए से एमबीए की डिग्री जरूरी योग्यता नहीं रह जाती है. सबसे कारगर लैबोरेटरी फील्ड में जाकर अनुभव और उससे सबक हासिल करना है.
एमबीए की डिग्री से छात्र को क्या फायदा होता है? 
जब आप ब्रांड के क्षेत्र में उतरते हैं तो निश्चित रूप से एमबीए की डिग्री का फायदा होता है. इसी तरह उपभोक्ता की वास्तविक जरूरत समझने में भी इस योग्यता का लाभ मिलता है. वहां आपकी डिग्री कई तरह से मददगार होती है, खासकर मुद्दों को गहराई से समझनेमें क्योंकि आपको एक फ्रेमवर्क की जरूरत होती है. एक अवधारणा या समझ होने के बाद आपको फैसला करने में मदद मिलती है. आपको उपभोक्ता की परेशानी को स्पष्ट तरीके से व्यक्त करने की योग्यता रखने की जरूरत होती है और इस बात का अध्ययन करने की जरूरत होती है कि कैसे मौके मौजूद हैं. ब्रांड मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन मैनेजमेंट और उपभोक्ता जरूरत समझने जैसे क्षेत्रों में एमबीए की योग्यता बहुत उपयोगी है.

Post a Comment

Thanks for Comment

Previous Post Next Post